क्या आप को भी अभी तक svamitva scheme की पूरी जानकारी नहीं है। अगर आप भी इस योजना से अभी तक अनभिज्ञ हैं तो आज हम अपने इस लेख में स्वामित्व योजना के बारे में पूरी जानकारी देने वाली हैं। आज इस लेख में आपको उन सभी प्रश्नो के उत्तर मिलने वाले हैं जो आपके स्वामित्व के बारे में उपज रहे हैं। जैसे की Svamitva Yojana क्या है।

ग्रामीण लोगो को इस योजना का क्या लाभ होने वाला है। क्या सम्पति का स्वामित्व अधिकार मिलने के बाद सम्पति पर कोई टैक्स लगने वाला है या फिर property svamitva अधिकार देने के पीछे सरकार की मंशा क्या है। ऊपर दिए गए सभी प्रश्नो के उत्तर देने से पहले हम आपको बता दें की स्वामित्व योजना कब शुरू हुई और किसने शुरू की।
Svamitva Scheme किसने और कब शुरू की।
दोस्तों स्वामित्व स्कीम की पहल पंचायत राज मंत्रालय द्वारा की गई जो की एक केंद्र की योजना है। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पंचायत राज स्थापना दिवस 24 अप्रैल 2021 को इस योजना को लांच किया। शुरुआत में इस योजना को 9 राज्यों में पायलेट रन के लिए लांच किया गया। यह योजना प्रॉपर्टी के लिए एक ऐतिहासिक सुधार योजना है।
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Svamitva Scheme क्या है हिंदी में जानकारी
दोस्तों स्वामित्व योजना ऐसी प्रॉपर्टी के मालिकाना हक को रिकॉर्ड में चढ़ाने का काम करेगी जो अभी तक किसी के नाम रजिस्टर्ड नहीं है। गांव और देहाती इलाको में ऐसी काफी जमीन है जिस पर मालिकाना कब्जा तो है लेकिन अभी तक किसी के नाम नहीं है। यह जमीन लाल डोरे के अंदर बसे हुए गावों की जमीन है जो अभी तक ऑन रिकॉर्ड नहीं है।

ऐसी जमीनों पर गावो में काफी विवाद होते रहते हैं क्योंकि इस जमीन की न तो कोई रजिस्ट्री होती है न ही किसी को यह पता होता है की किसकी जमीन कहाँ तक और कितनी जमीन है। इस जमीन के मालिकाना हक के बारे में किसी को पता नहीं होता है यानि जो भी जमीन पर कब्जा कर लेता है जमीन उसी की हो जाती है।
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Svamitva Scheme के तहत उठाये जाने वाले कदम
इस योजना के तहत गांव देहात की ऐसी सभी प्रॉपर्टी के मालिकाना हक को रिकॉर्ड में चढ़ाया जायेगा जो अभी तक ऑन रिकॉर्ड नहीं है।
इस योजना के क्रियान्यवन से प्रॉपर्टी से सम्बंधित विवादों का निपटारा किया जायेगा।
प्रॉपर्टी के मालिकाना हक को रिकॉर्ड में चढ़ा कर गांव के लोगो को भी प्रॉपर्टी पर लोन लेने का अधिकार दिया जायेगा।

सम्पति को रिकॉर्ड में चढ़ा कर सम्पति टैक्स का फायदा सीधे पंचायत या राज्यों को दिया जायेगा।
इस योजना के क्रियान्वयन के बाद गांव की इस जमीन का भी मेप तैयार हो जायेगा जिसे कोई भी विभाग अपने सर्वेक्षणों के लिए या नक्शा बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकेगा।
सम्पति मालिकाना हक रिकॉर्ड में चढ़ने के बाद ,जीआईएस मानचित्रो का उपयोग करके गाँव के लिए बेहतर विकास योजनाएं तैयार की जाएँगी। ,
बिना रिकॉर्ड प्रॉपर्टी के नुकशान
बिना रिकॉर्ड की प्रॉपर्टी के अपने फायदे और नुकशान होता हैं। चलिए सबसे पहले इसके निक्शन के बारे में बात कर लेते हैं।
- बिना रिकॉर्ड की जमीन पर विवाद ज्यादा होते हैं।
- इस जमीन के मालिकाना हक का फैसला करना मुश्किल होता है।
- कोई भी ताकतवर व्यक्ति किसी कमजोर व्यक्ति की प्रॉपर्टी को कब्जा सकता है।
- इस जमीन को बेचने और खरीदने में दिक्क़ते होती हैं।
- ऐसी जमीन को बैंक के पास गिरवी रखकर पैसा नहीं ले सकते।
- ऐसी जमीन पर होम लोन या लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी नहीं ले सकते।
- ऐसी जमीन नाप तोल करना मुश्किल होता है।
बिना रिकॉर्ड की प्रॉपर्टी के फायदे।
दोस्तों हर चीज के अपने फायदे और नुकशान होते हैं। जैसे की बिना रिकॉर्ड की जमीन के नुकशान होते हैं जैसे की हमने ऊपर बताये हैं वैसे ही इस तरह की जमीन के अपने फायदे भी होते हैं जो इस प्रकार से हैं।
यह जमीन सरकार के रिकॉर्ड में नहीं होती है इसलिए खरीद फरोख्त करते वक्त टैक्स नहीं देना पड़ता।
ऐसी प्रॉपर्टी को अपने नाम करवाने के लिए तहसील , कचहरी के चक्कर नहीं काटने पड़ते।
ऐसी प्रॉपर्टी को खरीदते वक्त सीधे प्रॉपर्टी के मालिक को पैसा दे दिया जाता है और खरीदने वाला उस पर अपना कब्जा ले लेता है।
ऐसी प्रॉपर्टी पर हाउस टैक्स नहीं लगते।
ऐसी प्रॉपर्टी सरकार के रिकॉर्ड में नहीं होती इसलिए सरकार को यह पता नहीं चलता किसके पास कितनी प्रॉपर्टी है।
ऐसी प्रॉपर्टी इनकम टैक्स के दायरे से बहार होती है।
स्वामित्व योजना की रूप रेखा क्या होगी
सबसे पहले स्वामित्व योजना के तहत देश के 6 राज्यों जिनके नाम हरियाणा , उत्तरप्रदेश , महाराष्ट्र , मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में चलाया गया। इस पायलेट प्रोजेक्ट में लगभग 1 लाख गावो को शामिल किया गया। अब इस योजना के तहत देश के लगभह 6 लाख 62 हजार गावों को शामिल करने की योजना है। इस योजना का मुख्य कार्यभार कोर नेटवर्क को दिया गया है जो जमीन की सही तरिके से निशान देहि लेगा और लगभग ज्यादा से ज्यादा सही डाटा उपलब्ध करवाएगा।

जमीन की सही निशान देहि लेने के लिए इस नेटवर्क का उपयोग कई तरह के डिपार्टमेंट कर सकते हैं जिसमे रेवेन्यू डिपार्टमेंट , ग्राम पंचायत , पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट , ग्रामीण डिपार्टमेंट , एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट , ड्रेनिंग और नहरी विभाग , शिक्षा विभाग , बिजली विभाग , जल विभाग और स्वास्थ्य विभाग कर सकते हैं।
ऐसे की जाएगी SVAMITVA Scheme के तहत सम्पति की मार्किंग
- इस योजना के अनुसार ड्रोन उड़ान भरेगा।
- ड्रोन के निचे एक सेंसर लगा होगा जो निचे जमीन के एरिया को कैप्चर करेगा।
- इस दौरान ड्रोन कैमरे के द्वारा जमीन का कई एंग्लो से फोट खींचा जायेगा।
- ड्रोन द्वारा खींचे गए प्रत्येक चित्र को कोर्डिनेट के द्वारा टैग किया जायेगा।
- इस दौरान ड्रोन से चित्र लिया जायेगा , उसे हाई रेजुलेशन पर नक्शा बनाया जायेगा।
- उपयुक्त नोटिस के बाद जमीन पर खेरो को नोटिस किया जायेगा।
- विभिन्न स्थितियों के लिए मानव सञ्चालन प्रक्रिया विकसित की जाएगी।
- भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा सभी अनुमतियाँ लेने के बाद सर्वेक्षण किया जायेगा।
- ड्रोन सर्वेक्षण विभाग द्वारा संग्रहित किये गए डाटा को भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा प्रोसेस किया जायेगा।
- डाटा के आधार पर उच्च गुणवत्ता वाले नक़्शे बनाये जायेंगे।
- कोई विवाद होने पर राजस्व और ग्राम पंचायत द्वारा मामला सुलझाया जायेगा।
- ड्रोन द्वारा ली गई तस्वीरों के आधार पर स्पेशल डाटा बेस OGC के आधार पर बनाया जायेगा।
- विभिन राज्यों , जिलों , तहसीलो और गावों के नक़्शे तैयार किये जायेंगे।
- ग्राम मानचित्र एप्लीकेशन में गावं के नक्शा फीड किया जायेगा।
- प्रत्येक सम्पति की एक विशेष आई डी बनाई जाएगी।
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