नीरज चोपड़ा ने ऐसे वक्त भारत की झोली में गोल्ड मैडल डाला जब पूरा देश गोल्ड मैडल के लिए तरश रहा था और Tokyo Olympic 2020 समापन की तरफ जा रहा था। Neeraj Chopra ने भारत की 135 करोड़ की जनसँख्या की उम्मीदों और भावनाओ का सम्मान किया है जब अन्य देश जैसे की चीन और अमेरिका जैसे देश अनेको गोल्ड पदको की झड़ी लगा चुके थे और भारत एक गोल्ड मैडल को भी सुरक्षित नहीं कर पाया था।
नीरज चोपड़ा एक साधारण से किसान का बेटा है जो एक छोटे से गाँव में पैदा हुआ और पला पढ़ा। कहते हैं की कमल तो कीचड में ही खिलते हैं और गुलाब तो कांटे में ही लगते हैं। नीरज ने ये दोनों कहावतों को सही साबित कर दिखाया।
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नीरज चोपड़ा कौन है कहाँ पैदा हुआ। How is Neeraj Chopra and Where he Belongs to
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 अगस्त 1997 को एक छोटे से गाँव खंडरा जो की पानीपत जिला और हरियाणा राज्य में पड़ता है,में हुआ था । यह गाँव पानीपत शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है जो की पानीपत से असंध जाने वाले रोड पर पड़ता है। नीरज चोपड़ा एक साधारण किसान सतीश कुमार का बेटा है और उसकी माँ का नाम सरोज देवी है। वह रोड कम्युनिटी से सम्बन्ध रखता है और बच्चपन से ही नटखट था।
नीरज चोपड़ा ने खेलो में भाग लेना कैसे शुरू किया। How Neeraj Interested in Games
नीरज चोपड़ा एक गाँव का रहने वाला एक साधारण से किसान का बेटा है। इसके गाँव का नाम खँडरा है जो की पानीपत जिले में और हरियाणा राज्य में है। जब नीरज चोपड़ा केवल 12 साल का था तो उसका वजन 90 किलोग्राम था जो की एक नार्मल बच्चे से ज्यादा था। वजन ज्यादा होने के वजह से गाँव वाले उसे सरपंच के नाम से पुकारा करते थे। सरपंच का मतलब होता है गाँव की पंचायत के मुखिया। नीरज के ओवर वेट होने की वजह से घर वाले चिंतित थे तो उन्होंने गाँव से कुछ ही दूर मडलौडा कसबे में उसे एक जिम में एडमिट करवा दिया। नीरज चोपड़ा गाँव से कसबे तक साइकिल पर आना जाना करता था जिसकी दूरी लगभग 12 किलोमीटर है।
कुछ दिन मडलौडा कसबे में जाने के बाद उसे वह जिम छोड़ना पड़ा क्योंकि वहां पर वह सबसे छोटा बच्चा था जिसने जिम ज्वाइन किया हुआ था। इसके बाद माता पिता ने उसे पानीपत शहर में उसे जिम ज्वाइन करवा दिया। पानीपत शहर में जिम करते करते उसकी रुचि खेलो में हो गई और वहां पर उसने जैवलिन थ्रो गेम में भाग लेना शुरू कर दिया। इस प्रकार उसे इस गेम में दिन प्रति दिन रुचि बढ़ती गई और वह स्पोर्ट्स अथॉरिटी और इंडिया की पानीपत ब्रांच में जाने लगा वहां पर वह जाने माने जैवलिन थ्रो खिलाडी जयवीर सिंह से मिला और उसके प्रसिक्षण में जैवलिन थ्रो सिखने लगा। इस प्रकार नीरज रोजाना 7 से 8 घंटे जैवलिन थ्रो की प्रैक्टिस करने लगा और स्पोर्ट्स उसके जीवन का लक्ष्य बन गया।
नीरज चोपड़ा ने ताऊ देवीलाल स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स पंचुकला ज्वाइन किया। Neeraj Joined Taau Devilal Complex Panchkula
नीरज चोपड़ा ने पानीपत में कोच जयवीर सिंह से एक साल जैवलिन थ्रो का प्रसिक्षण लेने के बाद पंचुला में दाऊ देवी लाल स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स को ज्वाइन किया जहाँ पर उसे कोच नसीम अहमद ने प्रशिक्षण देना शुरू किया। कहते हैं जब इंसान ठान लेता है तो वह कुछ भी कर गुजरता है , इसी प्रकार नीरज ने भी ठान लिया था की वह एक दिन स्पोर्ट्स में कुछ करिश्मा दिखाना चाहता है और इसी दृढ़ विस्वास के कारण वह अपने गाँव से 4 घंटे का सफर तय करके पंचकूला स्पोर्ट्स सिखने जाता था। कोच नसीम अहमद के अनुसार नीरज के अंदर कुछ सिखने की लग्न होती थी और वह अपने सीनियर से कुछ न कुछ टिप्स लेता रहता था।
नीरज चोपड़ा की मैडल जर्नी | Medal Journey Or Neeraj Chopra
नीरज चोपड़ा ने अपनी मैडल जीतने की यात्रा 2012 में लखनऊ से की जब उन्होंने जूनियर नेशनल्स में मैडल जीता। उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल मैडल 2014 में जीता जो की वर्ल्ड युथ चैंपियनशिप उक्रैन में था।
2014 में ही उसने युथ ओलंपिक्स क्वालिफिकेशन बैंकॉक में सिल्वर मैडल जीता। 2016 में नीरज चोपड़ा को नेशनल लेवल ट्रेनिंग कैंप के लिए बुलाया गया और उसे प्रशिक्षण मिलना शुरू हो गया।
नीरज ने 2016 में साउथ Asian गेम्स में गोल्ड मैडल जीता। इसके बाद उसने 2016 में पोलेंड में IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में गोल्ड जीता। अगला गोल्ड उन्होंने Asian एथलेटिक्स Championship 2017 में जीता। नीरज ने कामनवेल्थ गेम्स 2018 में गोल्ड हासिल किया और वह भारत का पहला जैवलिन थ्रो खिलाडी बना।
नीरज चोपड़ा ने आर्मी कब ज्वाइन किया | Neeraj Chopra Joined Army
नीरज चोपड़ा ने आर्मी 2016 में ज्वाइन किया और उसे जूनियर कमीशंड अफसर की पोस्ट पर रखा गया और उसका रैंक नायब सूबेदार था।
नीरज चोपड़ा की पर्सनल लाइफ के बारे में। About Personal Life of Neeraj Chopra
नीरज चोपड़ा एक किसान का बेटा है जो एक छोटे से गाँव में पैदा हुआ था उसके गाँव का नाम खँडरा जो की पानीपत जिले और हरियाणा राज्य में पड़ता है। उसके गाँव की लीकेशन पानीपत से असंध रोड पर लगभग पानीपत से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। नीरज के पिता का नाम सतीश कुमार और माता का नाम सरोज देवी है और उसकी दो बहने हैं। नीरज ने अपनी प्राइमरी की पढ़ाई अपने गाँव से पूरी की और दयानन्द एंग्लो वैदिक कॉलेज चंडीगढ़ से ग्रेजुएशन पूरी की। वह लवली प्रोफेशनल यूनिवरिसिटी से बैचलर और आर्ट्स कर रहा है। उसके पिता पेशे से एक किसान हैं और माता हाउसवाइफ है।
नीरज चोपड़ा द्वारा ओलिंपिक गोल्ड मैडल में सफलता। Neeraj has Won Gold Medal in Olympic 2020
कहते हैं देर आये पर दुरुस्त आये , जब भारत के हाथो से एक के बाद एक गोल्ड मैडल छूटता जा रहा था और Tokyo Olympics 2020 अपने समापन की और अग्रसर था तो नीरज ने भारत की झोली में गोल्ड मैडल डालकर सोने पर सुहागा कर दिखाया।
पूरा देश और देश की 135 करोड़ जनसख्या नीरज द्वारा गोल्ड मैडल जितने पर खुश थी जो की गोल्ड मैडल की आस छोड़ चुकी थी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने फ़ोन पर नीरज को बधाई दी और अपनी ख़ुशी जाहिर की। मोदी जी ने नीरज को बार बार बधाई देने के बाद 15 अगस्त को मिलने के लिए आमंत्रित भी किया जो की नीरज के लिए एक गर्व की बात है। इस प्रकार पूरे देश में एक ख़ुशी की लहार है, कहते हैं की अंत भला सो भला
नीरज चोपड़ा को दिए जाने वाले पुरुष्कार राशि
हरियाणा सरकार ने नीरज को 6 करोड़ देने का ऐलान किया है।
भारत सरकार ने 75 लाख देने का ऐलान किया है।
पंजाब सरकार ने 2 करोड़ देने का ऐलान किया है।
मणिपुर सरकार ने 1 करोड़ देने का ऐलान किया है।
BCCI ने 1 करोड़ रूपये देने का ऐलान किया है।
चेन्नई सुपर किंग्स ने 1 करोड़ रूपये देने का ऐलान किया है।
एलान रियल्टी ग्रुप ने 25 लाख देने का ऐलान किया है।
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने 75 लाख रूपये देने का ऐलान किया है।
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