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राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन–Palm Oil योजना क्या है | 80 लाख से 1 करोड़ दे रही है सरकार बीजो के उत्पादन के लिए

दोस्तों palm oil जिसे हिंदी में ताड़ का तेल कहा जाता है , भारतीय लोगो द्वारा बहुतायत मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।  palm oil  का इस्तेमाल किसी न किस रूप में हर घर में किया जाता है क्योंकि यह खाद्य तेल अन्य तेलों के मुकाबले सस्ता होता है।

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 Palm Oil को निर्यात करने के लिए भारत को करोड़ो रूपये दुसरे देशो के देने पड़ते हैं।  इसलिए भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने Palm Oil की पैदावार को बढ़ावा देने पर जोर दिया है जिससे हमारे देश के किसानो की आय भी बड़ सके और दुसरे देशो के पास अपने देश का पैसा भी न जा पाए।  इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री मंडल ने palm oil products (ताड़ के तेल ) को राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के तहत रखा गया है।

National Mission on Edible Oils – Oil Palm
National Mission on Edible Oils – Oil Palm

इस योजना के तहत palm oil  और तिलहन के उत्पाद को 366 लाख टन से बढ़ाकर 2025 -2026 तक 11.20 लाख टन करने का लख्य रखा गया है।  Palm Oil  की खेती को बढ़ावा देने के लिए इसके बजट में भी कई गुना इजाफा किया गया है जिसका सीधा असर किसानो की आय पर पड़ेगा और किसानो की आय बढ़ेगी।  भारत सरकार द्वारा पाम आयल का लगभग 98 % आयात अन्य देशो से किया जाता है और केवल 2 % ही अपने देश में पैदा किया जाता है।

 बाबा रामदेव ने भी crude palm oil की खेती को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयास को सराहा है और कहा है की इससे न तो अपने देश का धन बहार जायेगा बल्कि अपने देश के किसानो की आमदनी कई गुना बढ़ेगी।

Palm की खेती क्या है , ताड़ के वृक्षों से कैसे होती है कमाई

ताड़ की खेती ताड़ के वृक्ष लगाकर की जाती है ये वृक्ष तटीय क्षेत्रो में ज्यादा पाए जाते हैं।  एक Palm tree लगाने के बाद इससे crude palm oil  का उत्पादन 4 साल बाद शुरू हो जाता है और लगभग 30 साल तक यह पेड़ तेल का उत्पादन देता है।  पाम की फसल बारहमासी होती है जिससे बारह महीने आमदनी होती है।  पाम की फसल से प्रति वर्ष प्रति हेक्टेयर 4 से 5 टन कच्चा crude palm oil और 4 से 5 किवेंटल palm kernel आयल (PKO ) का उत्पादन होता है।  भारत में लगभग 13 राज्यों में पाम की खेती की जा रही है।

पाम की खेती के लिए बड़ाई गई सहयता राशि। 80  लाख से 1 करोड़ दे रही बीजो के उत्पादन के लिए

सरकार Palm Agriculture  को बढ़ावा  देने के लिए किसानो को कई तरह की सहयता राशि और Palm Subsidy  दे रही है।  सरकार का मुख्य लक्ष्य Palm Oil  के लिए अन्य देशो पर निर्भरता को कम करना है क्योंकि अभी तक  भी भारत लगभग 98 % पाम आयल  अन्य देशो जैसे की मेलशिया और इंडोनेशिया जैसे देशो से आयात करता है।  पाम की खेती को करने के लिए पहले सरकार 12 हजार अतिरिक्त सहयता राशि दे रही थी जिसे बड़ा कर 29 हजार कर दिया है।  यह सहयता राशि अब लगभग दुगनी से भी ज्यादा हो गई है। 

Palm Agriculture Scheme
Palm Agriculture Scheme

इसके आलावा भी सरकार एक palm tree  लगाने और उसका रख रखाव करने के लिए 250 रूपये प्रति पौधा दे रही है।  अगर कोई व्यक्ति ताड़ के बीज उगता है और बागबानी को बढ़ावा देता है यानी बीज और ताड़ के पोधो के उत्पादन के लिए सरकार प्रति 15 अकड़ के लिए 80 लाख रूपये की सहयता राशि दे रही है और देश के पूर्वोत्तर राज्यों और अंडमान के लिए यह सहयता राशि प्रति 15 अकड़ के लिए 1 करोड़ दी जा रही है।  सरकार पाम आयल की खेती को बढ़ावा देने के लिए और भी कई प्रयास कर रही है जिसमे पहाड़ी खेत्रो में खेतो और ढलानों को समतल करने के लिए सहयता राशि दे रही है।  बीज के बाग़ बनाने के कार्य के लिए 40 लाख रूपये देश के अन्य भागो के लिए और पूर्वोत्तर तथा अंडमान के लिए यह राशि 50 लाख रूपये तक दे रही है। 

Crude Palm Oil  के लिए ऐसे होगी कीमत निर्धारित।

Crude Palm Oil  की खेती  को लाभकारी बनाने के लिए सरकार ने काई योजनाए बनाई हैं।  सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है की पालम की खेती करने वाले किसी भी किसान को किसी भी तरह का घाटा न उठाना पड़े।  पाम के कच्चे तेल का मूल्य अंतरास्ट्रीय बाजार पर निर्भर करता है इसलिए सरकार ने किसानो के लिए एक  Palm Oil Viability Price  का अस्वासन दिया है जिसे व्यवहार्यता मूल्य भी कहा जाता है।

 इस मूल्यों के आधार पर अगर अंतरास्ट्रीय बाजार में Palm Oil  की कीमत गिरती भी है तो भी भारत सरकार अपने किसानो को एक लाभकारी मूल्य ही देगी।  जब सरकार इतने तरह की योजनाए और सहयता राशि के साथ साथ पालम आयल के मूल्यों पर भी अस्वासन दे रही है तो संभवतः देश के किसान ताड़ की खेती में रुचि लेंगे और ज्यादा से ज्यादा पाम आयल की पैदावार बढ़ाएंगे। 

Discount Scheme on Palm Oil Agriculture
Discount Scheme on Palm Oil Agriculture

Palm Oil Products  कच्चे माल की कीमत पहले ही निर्धारि की जायेगी और यह सुनिचित किया जायेगा की यह कीमत किसान को मुनाफा देने वाली होगी और अगर किन्ही कारणों से अगर किसान को लागत से कम कीमत मिलती है तो इसकी भरपाई सरकार अपने पास से करेगी जिसका सीधा ट्रांसफर किसान के खाते में किया जायेगा। 

कुछ एरिया है जहाँ पर मिलेगी Palm Agriculture  करने पर अतिरिक्त सब्सिड़ी।

सरकार ने देश के कुछ क्षेत्रो में Palm Agriculture  को बढ़ावा देने के लिए सहयता राशि को अन्य क्षेत्रो से बड़ा दिया है।  सरकार का सीधा उदेश्य इस क्षेत्रो के किसानो को ताड़ के वृक्षों की खेती को बढ़ावा देना है।  सरकार ने खासतौर पर पूर्वोत्तर और अंडमान के क्षेत्रो को पाम के बीजो की पैदावार के लिए प्रोत्साहित किया है और अतिरिक्त सहयता राशि का प्रबंध किया है।  इन क्षेत्रो के लिए प्रति हेक्टेयर सहयता राशि 12000 रूपये से बड़ा कर 29000 कर दी है और ताड़ के  बीज बागबानी के लिए प्रति 15 हेक्टेयर पर 1 करोड़ रूपये तक की सहयता राशि दे रही है। इसके आलावा बीजो के बाग़ के लिए 50 लाख रूपये तक की सहयता राशि भी दे रही है।

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इन देशो से करता है भारत Palm Oil Import  

पाम आयल लगभग भारत के हर घर की रसोई में पहुंचा हुआ है।  यह रिफाइंड आयल के रूप में भी जाना जाता है।   भारत में पाम आयल की लगभग 70 लाख टन की खपत है।  भारत में सबसे ज्यादा  palm oil import  इंडोनेशिया से हो रहा था लेकिन पिछले कुछ समय से यह जगह मलेशिया ने ले ली है।  भारत अपनी खपत का लगभग 98 % palm oil import  करता है और केवल मात्र  2 % ही अपने देश में पैदा कर  रहा है।  सोचो पाम आयल के इम्पोर्ट के रूप में भारत से कितना पैसा अन्य  देशो में जा रहा है और अगर पाम आयल भी भारत में होने लगे तो ये सारा पैसा किसानो की जेबो में ही जाने वाला है। 

पाम आयल के लिए कच्चा माल पैदा करने के लिए लिया गया लक्ष्य।

वैसे तो भारत सरकार काफी समय से ही तिलहन और crude palm oil  को बढ़ाने का प्रयास कर रही है।  यह प्रयाश 1991 से ही जारी है लेकिन इस क्षेत्र में अभी तक कोई ज्यादा उपलब्धि नहीं हासिल हो पाई है।  भारत में वर्ष 2014 -2015 में crude palm oil और तिलहन का उत्पादन 275 लाख टन हुआ था जो पढ़कर 2020 -2021 में 366 लाख टन हो गया है। भारत सरकार ने 2024-2025   में इस उत्पादन को लगभग 4 गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा है और यह लख्य 11. 20 लाख टन का रखा गया है।  और  वर्ष  2030 तक यह लख्य 28 लाख टन का रखा गया है।

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Palm Oil Products क्या हैं ?

पाम की खेती करने वाले किसान पाम के पेड़ों से ताजे फलो के गुच्छे तैयार करते हैं और उसे तेल निकालने वाली कंपनियों को बेचते हैं।  इन ताजे फलों के गुंच्छो को (FFB ) भी कहा जाता है।

Palm Kernel Oil क्या है ?

पाम ट्री से मिलें वाले गरी(बीज ) से  वाले आयल को palm kernel oil कहते हैं।  यह आयल खाद्य तेलों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

Crude Palm Oil क्या है ?

पाम के पेड़ों से और पाम के बीज से निकले जाने वाले कच्चे तेल / माल को crude palm oil कहा जाता है।  यह आयल तेल कंपनियों द्वारा रिफाइंड करके खाने लायक बनाया जाता है।

Palm Oil को हिंदी में क्या कहते हैं ? Palm Oil in Hindi

पाम के पेड़ को ताड़ का पेड़ कहा जाता है।  पाम आयल को हिंदी में ताड़ का तेल कहा जाता है।  यह आयल खाना बनाने वाले प्रोडक्ट्स के आलावा और भी अन्य कई तरह के प्रोडक्टों में इस्तेमाल होता है जैसे की नहाने की साबुन और बालो में लगाने वाले तेल में भी पाम आयल का इस्तेमाल होता है।

Crude Palm Oil Price कितना होता है?

crude palm oil price अंतरास्ट्रीय मूल्यों के उत्तर चढ़ाव पर निर्भर करता है। crude palm oil price घटता और बढ़ता रहता है।  crude palm oil price मुख्यतः 10 या 12 रूपये प्रति किलो ग्राम ही होता है।

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